राष्ट्रीय

राजस्थान में मिलेगी साल में 125 दिन रोजगार की गारंटी, विधेयक पारित

राजस्थान में शहरी और ग्रामीण इलाकों में साल में 125 दिन रोजगार तथा बुजुर्गों एवं दिव्यांगों को हर महीने न्यूनतम एक हजार रूपए की पेंशन की गारंटी देने वाला विधेयक शुक्रवार को विधानसभा में पारित किया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे एक नए युग की शुरुआत करार देते हुए कहा कि देश में पहली बार इस तरह की पहल की गई है। सदन ने राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक-2023 को ध्वनिमत से पारित किया। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि राज्य के सभी ग्रामीण एवं शहरी परिवारों को एक वर्ष में 125 दिवस का रोजगार और सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत वृद्धजन, विधवा एवं एकल महिला को प्रतिमाह न्यूनतम एक हजार रुपये पेंशन की गारंटी देने के लिए महात्मा गांधी न्यूनतम आय गारंटी योजना शुरू होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक-2023 लाया गया है। उन्होंने कहा कि कानून बनाकर इस तरह की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। मंत्री ने बताया कि इस अधिनियम के लागू होने पर राज्य के सभी ग्रामीण परिवारों को मनरेगा योजना के अंतर्गत 100 दिवस का रोजगार पूरा करने के बाद 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत प्राप्त हो सकेगा। मंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत शहरी परिवारों को भी 125 दिवस का रोजगार मिलने की गारंटी होगी। धारीवाल ने कहा कि कानून बन जाने के बाद उपरोक्त प्रावधान जनता को अधिकार के रूप में प्राप्त हो जाएंगे और इस बेमिसाल और ऐतिहासिक कानून से आमजन को बेतहाशा बढ़ती महंगाई से राहत भी मिलेगी। मुख्यमंत्री गहलोत ने बाद में ट्वीट किया,‘‘एक नए युग की शुरुआत, सुरक्षा व सम्मान की सौगात।’’ उन्‍होंने लिखा, ‘‘अत्यंत गर्व व हर्ष की बात है कि आज राजस्थान विधानसभा उस ऐतिहासिक दिन का साक्षी बना जब देश में पहली बार बिल पारित कर न्यूनतम आय की गारंटी को हक से देना सुनिश्चित किया गया है। समस्त राजस्थान वासियों को रोजगार व पेंशन का अधिकार मिलने की हार्दिक बधाई।

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *