राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 के बाद कर्नाटक के लिए रेल बजट नौ गुणा बढ़ा दिया: अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि कर्नाटक का रेल बजट 2014 से पहले के 835 करोड़ रुपये से बढ़कर नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 7,500 करोड़ रुपये हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बेंगलुरु मेट्रो की ‘येलो लाइन’ को हरी झंडी दिखाये जाने के बाद वैष्णव ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘कर्नाटक जैसे महत्वपूर्ण राज्य को 2014 से पहले केवल 835 करोड़ रुपये मिल रहे थे। मोदी की बदौलत अब उसे 7,500 करोड़ रुपये मिल रहे हैं। साथ ही, कर्नाटक में 54,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं। हम अमृत भारत योजना के तहत राज्य में 61 स्टेशनों का पुनर्विकास कर रहे हैं।’’पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की वेबसाइट के अनुसार, अमृत भारत स्टेशन योजना विभिन्न चरणों में रेलवे स्टेशनों को उन्नत करने की एक दीर्घकालिक योजना है। उसमें हर स्टेशन के लिए आवश्यकता के आधार पर उसे विकसित करने की योजना शामिल हैं। वैष्णव ने कहा कि भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में पिछले 11 वर्षों में बहुत ही तीव्र वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा,‘‘पिछले 11 वर्षों में हमारा इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।’’ उन्होंने कहा कि इसी अवधि में निर्यात आठ गुना बढ़कर तीन लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा हो गया है। वैष्णव ने कहा, ‘‘ग्यारह साल पहले, कोई सोच भी नहीं सकता था कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात करेगा।’’ उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 की मज़बूत नींव रखने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से कर्नाटक समेत पूरे देश को लाभ हुआ है। ‘विकसित भारत 2047’ भारत सरकार का 2047 में अपनी स्वतंत्रता शताब्दी तक देश को विकसित बनाने की दिशादृष्टि है। वैष्णव ने कहा, ‘‘अगर भारत दुनिया में मोबाइल फ़ोन का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता बन गया है, तो नम्मा बेंगलुरु में देवनहल्ली एक प्रमुख आईफ़ोन निर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है।

 

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