जितनी ऊंची होगी बेटियों की उड़ान, उतना ही उज्ज्वल होगा भारत का भविष्यः सिंधिया
केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना सांसद ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अशोकनगर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अब प्रधानपति, सरपंचपति, जिला पंचायत पति और अध्यक्षपति जैसी प्रथाओं को खत्म करना होगा और महिलाओं को अपना हक अपने हाथों में लेना होगा। दरअसल, आज केन्द्रीय मंत्री ने आज बृहस्पतिवार को अशोकनगर में रेवा शक्ति अभियान, हृदय योजना और एकल सेवा पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सिंधिया ने महिलाओं को दूसरी पंक्ति में धकेलने वाली इन प्रथाओं की आलोचना की और महिलाओं को उनका असली हक दिलाने के संकल्प का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने महिलाओं को बेटियों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि बेटी केवल परिवार की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की पहचान है। जब एक बेटी जन्म लेती है तो वह केवल घर का नहीं बल्कि पूरे समाज का भविष्य गढ़ती है।उन्होंने एकल सेवा पोर्टल, हृदय योजना और रेवा शक्ति अभियान से क्षेत्र को मिलने वाले लाभों को भी रेखांकित करते हुए कहा कि यह योजनाएं क्षेत्र में सुशासन की नई परिभाषा गढ़ेगी। सिंधिया ने रेवा शक्ति अभियान के मुख्य उद्देश्य का उल्लेख करते हुए कहा कि बेटियाँ बोझ नहीं, वरदान हैं। इस अभियान के अंतर्गत जिले के केवल एक या दो बेटियों वाले परिवारों का पंजीयन किया गया है। उन्हें विशेष डिजिटल कार्ड दिए जा रहे हैं, पंजीकृत परिवारों को शिक्षा शुल्क में छूट, स्वास्थ्य सेवाओं में प्राथमिकता, छात्रवृत्ति, किराए में रियायत और सामाजिक सम्मान जैसी सुविधाएँ मिलेंगी। इससे बेटियों को पढ़ाई और आगे बढ़ने के लिए एक मजबूत मंच मिलेगा। ज्ञात रहे कि अशोकनगर जिले में इस अभियान के अंतर्गत कुपोषण दूर करने का बड़ा लक्ष्य रखा गया है। अब तक 4,700 कुपोषित बच्चों की पहचान की गई थी, जिनमें से 4,400 बच्चों को सुपोषित करने का लक्ष्य रखा गया है। सिंधिया ने कहा कि हमारा संकल्प है कि जिले का प्रत्येक बच्चा पूर्ण रूप से सुपोषित हो और स्वस्थ जीवन जी सके।