राष्ट्रीय

शरद पवार, भगवंत मान, फडणवीस ने एम एस स्वामीनाथन को दी श्रद्धांजलि

महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार सहित कई नेताओं ने बृहस्पतिवार को प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथ को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत में हरित क्रांति के जनक के तौर पर विख्यात 98 वर्षीय स्वामीनाथन का उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से बृहस्पतिवार को निधन हो गया। शरद पवार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिये श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, ‘‘डॉ. स्वामीनाथन हरित क्रांति के जनक थे। यह उनके कॅरियर का शीर्ष बिंदु था। कुछ लोकप्रिय हस्तियों का महान कार्य उनके साथ हमेशा के लिए जुड़ जाता है और स्वामीनाथन ऐसी ही हस्तियों में एक थे।’’उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा उनका अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान था जिसने स्वामीनाथन की लोकप्रियता और कॅरियर को बढ़ाया। वह बहु आयामी प्रतिभा के धनी थे। मेरी ओर से उन्हें श्रद्धांजलि।’’ बैस ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘डॉ. स्वामीनाथन ने भारतीय कृषि की सूरत बदल दी और भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में अहम योगदान दिया। उनके निधन से भारत ने एक ऐसे व्यक्ति को खो दिया जो अपने आप में एक कृषि विश्वविद्यालय था।’’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि स्वामीनाथन ने अपने कार्यों से देश के किसानों का ध्यान रखा और भारत को कृषि के क्षेत्र में आत्मसम्मान प्राप्त करने में मदद की। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन ने अपना जीवन कृषि और किसानों को समर्पित कर दिया। उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, ‘‘देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में डॉ.स्वामीनाथन का बड़ा योगदान है। उन्होंने संकर बीज देकर गरीबों और छोटे किसानों की कृषि उपज बढ़ाने में मदद की। उनका निधन देश के लिए क्षति है।’’ उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उनके सुझावों ने नीति निर्माताओं को कई योजनाएं बनाने और कई मौकों पर पहल करने में मदद की। मेरी उनको विनम्र श्रद्धांजलि और उनके परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’’ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वैज्ञानिक का निधन ‘एक युग का अंत’ है। इस क्षति की भरपायी कभी नहीं की जा सकेगी।’’ शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘मेरी भारत सरकार से अपील है कि वह कृषि वैज्ञानिक की लंबित सिफारिशों को लागू करे और कृषि उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सी-2 (कृषि उत्पादन पर विस्तृत लागत) और 50 प्रतिशत मुनाफा के आधार पर तय करे। यह किसानों की आय वास्तव में दोगुना करने में मददगार साबित होगी।

 

 

 

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