उत्तराखंड में वर्षा जनित घटनाओं में आठ लोगों की मौत, प्रशासन को चौकस रहने के निर्देश
उत्तराखंड में भारी बारिश के दौरान रविवार को भूस्खलन के कारण वाहन दुर्घटना और मकान गिरने की घटनाओं में आठ लोगों की मृत्यु हो गयी तथा छह अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। खराब मौसम के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासन को चौकस रहने के निर्देश देते हुए लोगों को अनावश्यक आवागमन से बचने को कहा है। कई स्थानों पर भूस्खलन होने से मार्ग बंद हो गए हैं जिससे आम जन-जीवन के प्रभावित होने के साथ ही चारधाम यात्रा में भी रूकावट आ रही है। लगातार बारिश के कारण गंगा सहित प्रदेश की प्रमुख नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। टिहरी गढ़वाल जिले के मुनि की रेती क्षेत्र में तड़के केदारनाथ से लौट रही एक जीप भूस्खलन की चपेट में आकर अनियंत्रित होकर गंगा नदी में जा गिरी जिससे उसमें सवार छह श्रद्धालु डूब गए। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के निरीक्षक कवींद्र सजवाण ने बताया कि गोताखोरों की मदद से हादसे का शिकार हुए तीन श्रद्धालुओं के शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि अन्य तीन की खोज के लिए अभियान चलाया जा रहा है। मुनि की रेती पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक रितेश साह ने बताया कि ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुलर के पास मालकुंती पुल और होटल आनंद काशी के बीच हुई दुर्घटना के समय जीप में चालक समेत 11 लोग सवार थे। जीप ऋषिकेश जा रही थी। साह ने बताया कि जीप में सवार पांच अन्य यात्रियों को बचा लिया गया। उन्हें ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुर्घटना का शिकार हुए लोग दिल्ली, बिहार तथा हैदराबाद के रहने वाले थे। एक अन्य घटना में, अतिवृष्टि के कारण उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर क्षेत्र के मिस्सरवाला गांव में दो मकान गिर गए जिससे उनमें से एक में रह रहे एक दंपति की मौत हो गयी तथा उनकी पोती घायल हो गयी। उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, मृतकों की पहचान नसीर अहमद (65) और उनकी पत्नी मोहम्मदी (60) के रूप में हुई है। घटना में दंपति की पोती मंतसा (18) घायल हो गयी है जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रदेश में लगातार बारिश होने से नदियों का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और पर्याप्त सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों में उन्हें ‘हाई अलर्ट’ पर रहने, नदियों के जलस्तर की सतत निगरानी करने, किसी भी अधिकारी को अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ नहीं करने तथा भारी वर्षा की चेतावनियों के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों को आवागमन की अनुमति न देना शामिल है। उत्तराखंड पुलिस ने भी ट्वीट कर हरिद्वार में गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए कांवड़ियों से सतर्कता बरतने को कहा है।