भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग द्विपक्षीय संबंधों का मजबूत स्तंभ: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ शुक्रवार को बातचीत की और कहा कि भारत और फ्रांस, मित्र देशों को निर्यात करने के लिए प्रमुख सैन्य उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन की संभावनाएं तलाश रहे हैं और अंतरिक्ष-आधारित समुद्री जागरूकता में सहयोग बढ़ा रहे हैं। फ्रांस के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर आए मोदी ने मैक्रों के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगले 25 साल में भारत-फ्रांस रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए साहसिक और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के साथ एक खाका तैयार किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि ‘इंडियन ऑयल’ और फ्रांस की ‘टोटाल’ कंपनी के बीच एलएनजी के आयात को लेकर दीर्घकालिक समझौता हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने के हमारे लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी।’’ दोनों पक्षों ने पृथ्वी एवं महासागरों के तापमान पर नजर रखने और जलवायु परिवर्तन का अध्ययन करने की खातिर एक संयुक्त पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ‘तृष्णा’ के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करके अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़े सहयोग की भी घोषणा की। दोनों देशों ने प्रक्षेपण यान के क्षेत्र में संयुक्त विकास की योजनाओं की भी घोषणा की और ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड’ एवं ‘एरियनस्पेस’ ने वाणिज्यिक प्रक्षेपण सेवाओं पर सहयोग करने के आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों ने 2047 तक द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय करने के लिए एक ‘हॉरिजन 2047’ खाका जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि फ्रांस में भारत के ‘यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस’ को उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता हुआ है। फ्रांस ऐसा करने वाला पहला यूरोपीय देश है। मोदी ने भारत में हेलीकॉप्टर इंजन विकसित करने, कल पुर्जों के उत्पादन और एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) सुविधाओं की स्थापना के लिए फ्रांसीसी कंपनियों की योजनाओं का भी उल्लेख किया। रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को फ्रांस से राफेल जेट के 26 नौसैनिक स्वरूप खरीदने और तीन फ्रांसीसी-डिज़ाइन वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री ने कहा, रक्षा सहयोग हमारे घनिष्ठ संबंधों का एक मजबूत स्तंभ रहा है। यह दोनों देशों के बीच गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक है।